1.ना ग्ये अल्माड़ ,ना लाग गलमाड़।
अर्थात-घर से बाहर निकल कर ही असली दुनिया का पता चलता है।
2 लेखो पल-पल को लिखो जालो।
अर्थात-भगवन सभी कर्मो का लेखा जोखा रखता है।
3. रूप रीश नै,कर्म बाँटो नै।
अर्थात-हमे किसी के रूप से ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए यह ठीक वैसा है जैसे की कर्म को बाँटा नहीं जा सकता।
4. जे खुट त्याड ह्वाल,वो भयो पड़ल।
अर्थात-जो जैसा करेगा वैसा भरेगा।
5. बुद्धि आलि अपुन घर,रीश आलि पराय घर।
अर्थात-बुद्धिमान व्यक्ति अपने घर में गुस्सा नहीं करते।
6. जैक पाप,उवीक छाप।
अर्थात- चोर कितना भी चालाक क्यों न हो कुछ न कुछ सुराग छोड़ ही देता है।
7.पुण्य रेख में मेख मारंछू।
अर्थात-श्रद्धा से किये गए काम बिगड़े भाग्य को भी बदल सकते है।
8.तात्तए खू जल मरुँ।
अर्थात-ज्यादा जल्दी में काम बिगड़ जाता है।
9.सास थें कुन,ब्वारीस सुणून।
अर्थात-किसी और के माध्यम से किसी की चुगली सुनना।
10. अति बिरालु मूस न मरण।
अर्थात-ज्यादा लोग होने पर काम में रुकावट आती है।
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