Monday, March 09, 2020

होली पर बरते ये सावधानियां:- डॉ राजे नेगी

होली के रंग,पर्यावरण के संग।होली खेलने से पहले अपनाए ये सावधानियां:-अपने चेहरे एवं त्वचा को कैमिकल और सिंथेटिक रंगों से बचायें।बाजार में उपलब्ध अधिकतर रंग रासायनिक पदार्थो जैसे लेड ऑक्साइड,सीसा पाउडर,कॉपर सल्फेट,क्रोमियम,ब्रोमाइड से बने होते है जिनका सीधा असर हमारी आंखों, त्वचा,सांस एवं हृदय पर पड़ता है।काले रंग में मिश्रीत लेड आक्साइड और सीसा पाउडर से एलर्जी एवं त्वचा कैंसर का खतरा रहता है।हरे रंग में मिश्रित कॉपर सल्फेट से स्किन के अलावा आंखों में एलर्जी की संभावना रहती है,जामुनी रंग में मिश्रित क्रोमियम और ब्रोमाइड केंसर ओर अस्थमा का जनक माना जाता है। सिल्वर एवं गोल्डन कलर में मिश्रित पेंटस से एलर्जी ,गर्भस्थ शिशु पर दुष्प्रभाव और आंखों में एलर्जी होने का खतरा रहता है।।                  *घर पर ही बनाये प्राकृतिक रंग:- टेशू या गेंदे के फूल को सुखाकर उसे उबालकर पीला रंग, चुकन्दर से लाल रंग,पालक या हरे पत्ते से हरा रंग, हल्दी या चंदन के द्वारा पीला रंग बनाया जा सकता है।*होली खेलने से पहले बरते ये सावधानी:- कोई रंग लगाने आये तो अपनी आंखों को बंद कर लें।आंखों में चश्मा पहने जिससे खतरनाक रंग आपकी आंखों में न जाएं।सिर पर टोपी या हेट लगाएं जिससे बाल रंगों के दुष्प्रभाव से बचे रहे।होली के दिन फूल बाजू वाली ड्रेस पहनें।बच्चो को गुब्बारों से खेलने के लिए उत्साहित न करे क्योकि गुब्बारे आंखों को नुकसान पहुँचा सकते है उनसे कहे कि राह चलते लोगो पर गुब्बारे न फेंके ये दुर्घटना एवं आपसी झगड़े का कारण बन सकता है।अपने रंग लगे हाथों को आंखों के पास न ले जाये,आंखों को मसलें या रगड़ने की गलती न करें।यदि आंखों में कोई रंग चला जाये तो तुरन्त पानी के छीटें मारे एवं आंखों में गुलाब जल भी डाल सकते है।कोशिस करे सूखे रंगों का इस्तेमाल करे पानी का प्रयोग कम से कम करें।

 

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